"zone name","placement name","placement id","code (direct link)" apnevichar.com,Popunder_1,15485358,"" 996.com,DirectLink_1,15488589,https://gw7eez7b7fa3.com/jcbu8318e4?key=806f9e0a5edee73db1be15d7846e32a6 भारतीय समाज में धर्म का महत्व: हरिवंश पुराण महात्म्य

Friday, July 10, 2020

हरिवंश पुराण महात्म्य

महर्षि वेदव्यास कृत

श्री हरिवंश पुराण महात्म्य

मानव जीवन के लिए उपयोगी इस ग्रंथ का पाठ करने से पूर्व महर्षि वेदव्यास भगवान श्री कृष्ण पांडव पुत्र अर्जुन एवं ज्ञान की देवी सरस्वती का ध्यान करें।
सनातन धर्म की रचीयता महर्षि वेदव्यास जिन्होंने इस पुराण की कथा का वर्णन किया उनके चरण कमलों में सादर वंदन।
अज्ञान की तिमिर में यह प्रकाश ज्योति स्वरूप सबका कल्याण करें। मैं उन गुरुदेव को नमस्कार करता हूं यह अखंड मंडलाकार चराचर विश्वजीत परमपिता परमात्मा से व्याप्त है मैं उनको नमस्कार करता हूं उनका साक्षात दर्शन करने वाले गुरुदेव को नमस्कार करता हूं ज्ञानियों ने हरिवंश पुराण को ब्रह्मा विष्णु शिव का रूप कहां है यह सनातन शब्द ब्रह्म मय 
है। इसका परायण करने वाला मोक्ष प्राप्त करता है जैसे सूर्योदय के होने पर अंधकार का नाश हो जाता है इसी प्रकार हरिवंश के पठन-पाठन श्रवण से मन वाणी और देह द्वारा किए गए संपूर्ण पाप नष्ट हो जाते हैं जो फल अठारह पुराणों की श्रवण से प्राप्त होता है उतना ही फल फल विष्णु भक्त है हरिवंश पुराण के सुनने से मिलता है। इसमें संदेह नहीं है। इसे पढ़ने और सुनने वाले स्त्री पुरुष बालक विष्णुधाम प्राप्त करते हैं। पुत्रदा कांक्षी स्त्री पुरुष इसे अवश्य सुने। विधिपूर्वक हरि वंश पुराण का पठन-पाठन संतान गोपाल स्तोत्र का 1 वर्षीय पाठ अवश्य पुत्र रतन प्रदान करता है जो पुरुष या स्त्री चंद्रमा सूर्य गुरु गुरु गुरुधाम अग्नि की ओर मल मूत्र त्याग करता है वह नपुंसक बांज होता है अकारण फल फूल तोड़ने वाला संतान अक्षय को प्राप्त होता है पर स्त्री गमन पत्नी बनाएं कुंवारी कन्या का शीला हरण करने वाला वृद्धावस्था में घोर दुख पाता है व्यभिचारिणी स्त्री बुढ़ापे में गल गल कर मरती है
निंदनीय और गणित कर्मी महा शोक को प्राप्त होता है
अंत एवं श्री हरिवंश पुराण का परायण कर वह अपना दुख हल्का कर सकता है। हरिवंश पुराण के श्रवण पाटन से बहुत दूर हो सकता है।
हरिवंश पुराण के आवाहन परायण की विधि इस प्रकार है कुशल पंडित को आमंत्रित कर शुभ मुहूर्त निकलवाए। भाद्रपद आश्विन कार्तिक आषाढ़ और श्रवण इन बाहों में इनका सर्वोत्तम परायण माना गया है। सब को आमंत्रित कर नौ दिन तक इसका पाठ करें या करवाएं सभी इष्ट मित्रों को आमंत्रित करें सुंदर कथा चित्र बनाएं सुंदर मंडप का निर्माण करें लक्ष्मी और पुत्रों सहित गोपाल कृष्ण की स्थापना करें यथाशक्ति प्रसाद आदि का वितरण करें भगवान को नैवेद्य अर्पित करें कथा के दिनों में पूर्ण ब्रम्हचर्य का पालन करें पृथ्वी पर शयन करें सुने फिर विश्राम उपरांत संध्या चार बजे से दीप जलाने तक कहे सुने तत्पश्चात विश्राम दे 9 दिनों में इसका संपूर्ण पाठ आवश्यक है कथा पूर्ण मनोयोग से कहें इस कथा के मध्य अन्य वार्तालाप करना या किसी प्रकार का व्यवधान डालना अशुभ माना गया है भक्ति पूर्वक श्री हरिवंश का पठन पाटन श्रवण अत्यंत लाभदायक है।


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