"zone name","placement name","placement id","code (direct link)" apnevichar.com,Popunder_1,15485358,"" 996.com,DirectLink_1,15488589,https://gw7eez7b7fa3.com/jcbu8318e4?key=806f9e0a5edee73db1be15d7846e32a6 भारतीय समाज में धर्म का महत्व

Friday, May 29, 2020

             विल्व पत्र तोड़ने का निषिद्ध काल

विल्व पत्र चढ़ाने का हमारे शास्त्रों में बढ़ा महत्त्व है और शिव भगवान को यह बहुत प्रिय है_

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम् ।

त्रि जन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ।।

जो भी ये विल्व पत्र चढ़ाता है उसके तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं ।
             किन्तु विल्व पत्र तोड़ने के लिए भी नियम बताए गए हैं कुछ निशिध्द तिथियां है चतुर्थी, अष्टमी,नवमी, चतुर्दशी,और अमावस्या तिथियो  को, संक्रान्ति, और सोमवार को विल्वपत्र न तोड़ें। किन्तु विल्व पत्र शंकर जी को बहुत प्रिय है अतः निषिद्ध समय में पहले दिन का रखा हुआ विल्व पत्र चढ़ाना चाहिए। शास्त्र ने तो यहां तक कहा है कि यदि नूतन विल्वपत्र ना मिल सके तो चढाऐ हुए बिल्वपत्र को ही धोकर बार बार चढ़ाता रहे।
विल्व पत्र का मूल भाग तोड़कर ही विल्व पत्र को चढ़ाना चाहिए और विल्व पत्र पर राम राम लिखकर विल्व पत्र को चढ़ाना चाहिए

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