"zone name","placement name","placement id","code (direct link)" apnevichar.com,Popunder_1,15485358,"" 996.com,DirectLink_1,15488589,https://gw7eez7b7fa3.com/jcbu8318e4?key=806f9e0a5edee73db1be15d7846e32a6 भारतीय समाज में धर्म का महत्व: 01/06/2020

Monday, June 1, 2020

01/06/2020

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नवग्रह शांति  हेतु नवग्रह स्तोत्र पाठ हर रोज़ करना चाहिए। जो भी नवग्रह स्तोत्र का पाठ करता है उसके सारे ग्रह शांत हो जाते हैं और उसकी कुण्डली में जो भी क्रुर ग्रह होते है वह सभी शांत  हो जाते हैं इसमें कोई संदेह नहीं है

                श्रीनवग्रहस्तोत्रम्

 जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्।
तमोअरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरम्।।१।।
दधिशंड्ख तुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम्।
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्।।२।।
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्।
कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम्।।३।।
प्रियंड्गुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।।४।।
देवानां च ऋषिणां च गुरूं कान्चन संनिभम्।
बुध्दि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।५।।
हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यनां परमं गुरूम्।
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।।६।।
नीलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।७।।
अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्।
सिंहिकागर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।।८।।
पलाशपुष्पसंकाशं   तारकाग्रहमस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुंं प्रणमाम्यहम्।।९।। 
इति व्यासमुखोद्गीतं य: पठेत् सुसमाहित:।
दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्नशान्तिर्भविष्यति।।१०।।
नरनारि नृपाणां च भवेद्यु:स्वप्ननाशनम्।
ऐश्र्वर्यमतुलं तेषामारोग्यं पुष्टिवर्धनम्।।११।। 
।।महर्षि व्यासविरचितं नवग्रहस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।
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