"zone name","placement name","placement id","code (direct link)" apnevichar.com,Popunder_1,15485358,"" 996.com,DirectLink_1,15488589,https://gw7eez7b7fa3.com/jcbu8318e4?key=806f9e0a5edee73db1be15d7846e32a6 भारतीय समाज में धर्म का महत्व

Friday, June 5, 2020

लोग सूर्य को जल क्यों चढ़ाते हैं?

धर्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को जल दिए बिना अन्न ग्रहण करना पाप है। अलंकारिक भाषा में वेदों में कहा है संध्या के समय सूर्य को दिए गए अर्घ्य के जलकण वज्र बनकर असुरों का नाश करते है।

विज्ञान की दृष्टि में मनुष्य शरीर के अंदर असुर, टाइफाइड, निमोनिया, टीवी आदि को कहा गया है। इनको नष्ट करने की दिव्य शक्ति सूर्य की किरणों में  होती है।एन्थ्रेक्स के वायरस जो कई वर्षों के शुष्किकरण से नहीं मिटते,वे सूर्य की किरणों से एक डेढ़ घंटे में मर जाते हैं। हैजा, निमोनिया, चेचक आदि के कीटाणु पानी में उबालने से भी नहीं मरते किन्तु सूर्य की प्रभात कालीन किरणें इन्हें शीघ्र ही नष्ट कर देती हैं,सूर्य को अर्घ्य देते समय साधक के ऊपर सूर्य की किरणे सीधी पड़ती हैं।
शास्त्रों के अनुसार प्रात: काल पूर्व कि ओर मुख कर के तथा संध्या के समय पश्चिम की ओर मुख करके जल देना चाहिए।जल के लोटे को छाती के बराबर ऊंचाई पर रखकर जल गिराए और लोटे के उभरे भाग को तब तक देखते रहे जब तक जल समाप्त ना हो जाए ।ऐसा नित्य प्रति करनेसे मोतिया बिंद भी नहीं  होता।

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